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उत्कंठिता / रामकृष्ण वर्मा 'बलवीर'
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डगरा के लोगवा से झगरा भइल किधो बगरा के लोगवा नराज।
सगरा रयन मोहि तकतै बितल ‘बलबिरिवा’ न आयल केहि काज।।