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अणहूणी / कन्हैया लाल सेठिया
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लगा लियो
आपसरी री
छीना झपटी में
राम रावण रो मुखौटो
रावण राम रो,
सुण‘र संवाद
पजग्या बापड़ा
लीला देखणियां
गतागम में
करै कानाबाती
कियां बदलीजग्यो
खिणेक में
बिरम‘र जीव रो
सभाव ?