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मोटी साच / कन्हैया लाल सेठिया
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कोनी
कोई
रेत रो मै‘ल
परम्परावां
जकी ढिस ज्यावै
मेलतां ही आंगली,
हुवै
जीव रा संस्कार
मुंजेवड़ी रा बंट
कोनी भुजाण सकै
बां नै अगन,
करै कोई
लाख उपाय
कद हुवै
जीव स्यूं
अलघी
रूं रूं में रम्योड़ी
चेतणा ?