भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अंधेरो‘र च्यानणो / कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:28, 19 अक्टूबर 2013 का अवतरण
कोनी
अमूझै
बन्द कोटड़ी में
अंधेरो
पण राखसी जींवतो
च्यानणै नै
खुलो झरोखो !