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रात-2 / सिद्धेश्वर सिंह

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यह रात है
कुछ विगत
कुछ आगत
यह रात है
साँझ की स्मृति
सुबह का सहज स्वागत

यह रात है
कुछ कल्मष
कुछ उजास
यह रात है
राग-विराग मिलन-वनवास

यह रात है
कुछ नहीं बस रात
यह रात है
ख़ुद से ख़ुद की कोई बात

यह रात है
आधी बात आधा मौन
यह रात है
आधा हम
आधा न जाने कौन !