भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कुदरत / कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:58, 28 नवम्बर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |संग्रह=कूं-क...' के साथ नया पन्ना बनाया)
कुदरत
फळ रो खोळ बणा’र
गुठली री रिछपाळ करै,
मिनख
खून पसनूँ बहा’र
फळ री संभाळ करै !