भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
साख / कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:06, 28 नवम्बर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |संग्रह=लीकल...' के साथ नया पन्ना बनाया)
टेकदी गोडयां
गद,
पड़गी बैसक्यां
बुरजां,
गिटगी चितराम
भींतां
हुग्या सुंआं
सतखंडा मै’ल,
अठै हो कदेई
धरती रै कोई
लूंठै धणी री साख
ऊंदरा रै बिलां में लाध्योड़ी
हाथ्यां री जूनी लीद !