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ईठ ! / कन्हैया लाल सेठिया
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आवै
कणाईं कणाईं
बै खिण
जद चालै कलम
हुवै सिरजण
पण
म्हारो ईठ
बो दरपण
जकै में
चावै जणां करो
चेतणा
दरसण !