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दाणा’र तूंतड़ा / कन्हैया लाल सेठिया
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फटक’र छायलो
बगाया परै तूतड़ो
राख्या दाणां नै कर’र
काळजै री कोर
पण लाग्या जद
ऊंखळी में कुटीजण
चाकी में पिसिजण
जणां समझ्या दाणा
छायलो मिनख रो भायलो
आपणो बैरी !