भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नौळी / कन्हैया लाल सेठिया

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:15, 28 नवम्बर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |संग्रह=हेमा...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तू संभळावै जिणनै
नौळी
गिण पाछा
बीं रै मुंडागै
घाल्योड़ा नाणां
विसवास है अकास
आ ज्यावै चाणचूक बादळ रो चंूखा
रया गिणती में चूक
हु जावै सामलै नै भरम
तू गिण पाछी रकम
मांड’र घाल गिणती री ओळी
जणां भोळाई इण नै नौळी
आ म्हारी सीख
हीरां तोली !