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हूणियै रा होरठा (7) / हरीश भादानी

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भाठां तीरां तोप सूं
मच्या घणा घमसांण
जीग्या परलै बीच
सिरजणहार हूणिया

जकां पळीता बाळिता
बांनै बाळया काळ
जीग्या काळ अकाळ
सिरजणहार हूणिया

जात-पांत पूछै नहीं
देवळ अर रसूल
धरम ठगोरा बैठ
राड़ रचावै हूणिाया

सांच न बामण -बाणियों
ना तुरकन ना ढेढ
आखौ एकल सांच
मिनखाचारौ हूणिया

थूं करूणा री आँख सूं
दूजां रा दुख देख
दीसैला साच्छात
 मिनखाचारौ हूणिया

मंदिर मस्जिद खोजतां
दीनी उमर गंवाया
हियै बिराजै सांच
खोल किंवाड़ा हूणिया