तुम्हारा यूँ बैठना
तुम्हारा यूँ सोचना
भाता है मुझे
याद आता है मुझे
हर एक
वह पल
जिसे मैं बचाकर रखना चाहती हूँ
अपने भीतर
तुम्हारा यूँ बैठना
तुम्हारा यूँ सोचना
भाता है मुझे
याद आता है मुझे
हर एक
वह पल
जिसे मैं बचाकर रखना चाहती हूँ
अपने भीतर