Last modified on 7 अप्रैल 2014, at 12:02

समाजवाद / लालसिंह दिल / सत्यपाल सहगल

Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:02, 7 अप्रैल 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लालसिंह दिल |अनुवादक=सत्यपाल सहग...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

समाजवाद ने
क्या खड़ा किया?

गर व्यक्तिवाद
गिराया ही नहीं?

मछली पक भी जाए
औ’ जिन्दा भी रहे?