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कवि कुम्भनदास के प्रति / केदारनाथ सिंह
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संतन को कहा सीकरी सों काम
सदियों पुरानी एक छोटी-सी पंक्ति
और इसमें इतना ताप
कि लगभग पांच सौ वर्षों से हिला रही है हिन्दी को