भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

फ़र्क / अनातोली परपरा

Kavita Kosh से
Linaniaj (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 00:02, 2 दिसम्बर 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=अनातोली पारपरा |संग्रह=माँ की मीठी आवाज़ / अनातोली प...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: अनातोली पारपरा  » संग्रह: माँ की मीठी आवाज़
»  फ़र्क


नहीं, ऎसी बात नहीं कि मुझे इसमें कोई फ़र्क नहीं पड़ता

कि किस घास पर चलता हूँ मैं

किसे बुलाऊँ स्नेह से--- रानी

और अपने खत्ती-बखार में

कौन अनाज भरता हूँ मैं


नहीं ऎसी बात नहीं कि मुझे इसमें कोई फ़र्क नहीं पड़ता

कि किसे बनाता हूँ मैं मित्र

किसके साथ पीता हूँ जाम

किसके संग सुख-दुख बाँटूँ मैं

और किसके साथ खिचाऊँ चित्र


नहीं ऎसी बात नहीं कि मुझे इसमें कोई फ़र्क नहीं पड़ता

कि लोग मुझे किस नाम से पुकारते हैं

मुझे गर्व है अपने नाम पर

मैं पुत्र हूँ रूसी धरती का

आप भी समझिए इसे, दोस्तों !

सब यह बात जानते हैं