Last modified on 16 अप्रैल 2014, at 12:06

मगध के लोग / श्रीकांत वर्मा

Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:06, 16 अप्रैल 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्रीकांत वर्मा |अनुवादक= |संग्रह= ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मगध के लोग
मृतकों की हड्डियां चुन रहे हैं

कौन-सी अशोक की हैं?
और चन्द्रगुप्त की?
नहीं, नहीं
ये बिम्बिसार की नहीं हो सकतीं
अजातशत्रु की हैं,

कहते हैं मगध के लोग
और आँसू
बहाते हैं

स्वाभाविक है

जिसने किसी को जीवित देखा हो
वही उसे
मृत देखता है
जिसने जीवित नहीं देखा
मृत क्या देखेगा?

कल की बात है –
मगधवासियों ने
अशोक को देखा था
कलिंग को जाते
कलिंग से आते
चन्द्रगुप्त को तक्षशिला की ओर घोड़ा दौड़ाते
आँसू बहाते
बिम्बिसार को
अजातशत्रु को
भुजा थपथपाते

मगध के लोगों ने
देखा था
और वे भूल नहीं पाये हैं
कि उन्होंने उन्हें
देखा था

जो अब
ढ़ूँढ़ने पर भी
दिखाई नहीं पड़ते