भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कौन रंग हीरा कौन रंग मोती/ बुन्देली

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:58, 3 दिसम्बर 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{ KKLokRachna |रचनाकार }} कौन रंग हीरा कौन रंग मोती कौन रंग ननदी बिरना तुम्ह...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कौन रंग हीरा कौन रंग मोती

कौन रंग ननदी बिरना तुम्हार ?

लाल रंग हीरा पियर रंग मोती

सँवर रंग ननदी बिरना तुम्हार

फूट गए हिरवा बिथराय गए मोती

रिसाय गए ननदी बिरना तुम्हार

बीन लैहौं हीरा बटोर लैहौं मोती

मनाय लैहौं ननदी बिरना तुम्हार

भावार्थ

--'किस रंग का हीरा है किस रंग का मोती ?

हे ननद, किस रंग के हैं तुम्हारे भैया ?

लाल रंग का हीरा है पीले रंग का मोती है

साँवरे रंग के हैं तुम्हारे भैया

हीरा फूट गया मोती बिखर गए

हे ननदी, तुम्हारे भैया रूठ गए

हीरों को चुन लेंगे, मोती बटोर लेंगे

हे ननदी, तुम्हारे भैया को मना लेंगे ।'