भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भायलाचारो / देवकरण जोशी

Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:38, 17 मई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=देवकरण जोशी |संग्रह=मंडाण / नीरज द...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

दूध बेचणवाळो
मिलावै दूध मांय पाणी
दूध देवै पाणी नैं
आपरो नांव
अर पाणी ई बाजै दूध
ढाबैवाळो
चढावै टोपियो भट्टी माथै
हेटै देवै आंच
बळन लागै पाणी
रीसां बळ्योड़ो दूध
बासती बुझावण खातर
चढ जावै टोपियै रै किनारां
पण देवतां ई छांटो
पाणी रो
मंगसी पड़ जावै रीस
दूध री
मिल’र भायलै सूं
करै किलोळां
खदबद-खदबद।