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काना कुबजा संग रिझोरे / सूरदास

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काना कुबजा संग रिझोरे । काना मोरे करि कामारिया ॥ध्रु०॥
मैं जमुना जल भरन जात रामा । मेरे सिरपर घागरियां ॥ का०॥१॥
मैं जी पेहरी चटक चुनरिया । नाक नथनियां बसरिया ॥ का०॥२॥
ब्रिंदाबनमें जो कुंज गलिनमो । घेरलियो सब ग्वालनिया ॥ का०॥३॥
जमुनाके निरातीर धेनु चरावे । नाव नथनीके बेसरियां ॥ का०॥४॥
सूरदास प्रभु तुमरे दरसनकु । चरन कमल चित्त धरिया ॥ का०॥५॥