Last modified on 25 मई 2014, at 15:23

अभिलाषा / पुष्पिता

Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:23, 25 मई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पुष्पिता |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अभिलाषाएँ
          ...चुप
तिरती और तैरती हैं ।
कभी
संवेदनाओं की झील में
कभी
विचारों की नदी में
प्रकृति से
ग्रहण करती हैं इच्छाएँ
कभी
         सजलता
         तरलता
         सजगता
अभिलाषाएँ
         चुप
रहती हैं
अपने को शब्द में रूपांतरण से पहले
प्रेम में
प्रेम की तरह