भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

एक ख़याल / माया एंजलो

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:32, 29 मई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=माया एंजलो |अनुवादक=विपिन चौधरी |...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुझे दो अपना हाथ
कविता के इस दायरे से बाहर
मेरे लिए इतनी जगह बना दो
ताकि
मैं तुम्हारा अनुसरण कर सकूँ

मर्मस्पर्शी शब्दों की निजता
और प्रेम के खोने से प्रेम की भावना को
दूसरों के लिए छोड़ दो

अपना हाथ मुझे सौंप दो