Last modified on 3 जून 2014, at 10:14

जग में तेरा कुछ नहीं / हनुमानप्रसाद पोद्दार

Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:14, 3 जून 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हनुमानप्रसाद पोद्दार |अनुवादक= |स...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

(राग पीलू-ताल कहरवा)

जग में तेरा कुछ नहीं, मिथ्या ममता-मोह।
एक कृष्ण तेरे सदा चिदानन्द-संदोह॥