Last modified on 16 दिसम्बर 2007, at 10:56

उजले बादल आकाश में / त्रिलोचन

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:56, 16 दिसम्बर 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=त्रिलोचन |संग्रह=धरती / त्रिलोचन }} '''1 उजले उजले बादल आक...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

1

उजले उजले बादल आकाश में

दस बजे दिन के प्रकाश में


आते हैं आगे बढ़ जाते हैं
जाते जाते कुछ कह जाते हैं


2

हवालात के आगे राह है

लोगों के लक्ष्य का प्रवाह है


लोग व्यस्त आते हैं जाते हैं
चन्द कदम दिख कर छिप जाते हैं


3

स्वतंत्रता का कितना मान है

मुझको अब इसका अनुमान है


सामने वह, पिंजरे में तोता है
उसे देख दर्द आज होता है