♦ रचनाकार: अज्ञात
एक रंगमहल की खूँट
जिसमें कन्या नै जनम लिया ।
एक रंगमहल की खूँट
जिसमें कन्या नै जनम लिया ।
बाबा तुम क्यों हारे हो
दादसरा म्हारा जीत चला ।
एक रंगमहल की खूँट…………
पोती तेरे कारण हारा हे
पोते के कारण जीत चला ।
एक रंगमहल की खूँट………
उसके पिताजी को फिकर पड़ ग्या
पिताजी तुम क्यों हारे हो
ससुरा तो म्हारा जीत चला ।
एक रंगमहल की खूँट………।
बेटी तेरे कारण हारा हे
बेटे के कारण जीत चला ।
एक रंगमहल की खूँट………