मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आगे माइ काशीसँ रूसल बरुआ बनारस केने जाइ
आगे माइ केओ नहि हित बसु बरुआ बिलमाइ
आगे सुतल जे बड़का बाबा बरुआ बिलमाइ...
आगे माइ काशीसँ रूसल बरुआ बनारस केने जाइ
आगे माइ केओ नहि हित बसु बरुआ बिलमाइ
आगे सुतल जे बड़का बाबा बरुआ बिलमाइ...