मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
करय चलल हर मौहक हे मानस घर हे
खीर खांड ते भाबनि करथि हर मौहक हे
भस्म पोटरिया हरि खोलल अंटकारि टोअल हे
भांग भिजाय भकोसथि करथि हार मौहक हे
कोनटा लागल मनाइनि गीतगाइनि हे
देखल हरक बेबहार, करथि हर मौहक हे
करय चलल हर मौहक हे मानस घर हे
खीर खांड ते भाबनि करथि हर मौहक हे
भस्म पोटरिया हरि खोलल अंटकारि टोअल हे
भांग भिजाय भकोसथि करथि हार मौहक हे
कोनटा लागल मनाइनि गीतगाइनि हे
देखल हरक बेबहार, करथि हर मौहक हे