Last modified on 1 जुलाई 2014, at 15:57

थारक भात सेरायल वर रूसल / मैथिली लोकगीत

Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:57, 1 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= बिय...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

थारक भात सेरायल वर रूसल
गौरी गेली उठाबऽ करहु हर भोजन
आँख गुरड़ि वर ताकल गौरी के डांटल
आनु गऽ आंक धतुर करब हम भोजन
भनहि विद्यापति गाओल फल पाओल
धन गौरी के भाग, बताह बड़ पाओल