मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
दालि भात मैदा केर पुआ, ताहि पर घीव चपोरी जी
नाना भांति बने तरकारी, कृष्ण भये रसभोगी जी
जेमन बैसला कृष्ण कन्हैया, देथि सखि सभ गारी जी
माइ अहाँक के कहिय यशोदा, मथुरा सँ एली उढ़ारी जी
बाप अहाँक के कहिय नन्दजी, घर-घर मांगय सोहारी जी
बहिनी अहाँक कहिय सुभद्रा जी, रसिलबा संग सिधारी जी
पिउसी अहाँक कहिय कुन्ती, सेहो छथि पाँच भतारी जी
जेमन बैसला कृष्ण कन्हैया, देथि सखि सभ गारी जी