भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दालि भात मैदा केर पुआ / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:07, 2 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= बिय...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

दालि भात मैदा केर पुआ, ताहि पर घीव चपोरी जी
नाना भांति बने तरकारी, कृष्ण भये रसभोगी जी
जेमन बैसला कृष्ण कन्हैया, देथि सखि सभ गारी जी
माइ अहाँक के कहिय यशोदा, मथुरा सँ एली उढ़ारी जी
बाप अहाँक के कहिय नन्दजी, घर-घर मांगय सोहारी जी
बहिनी अहाँक कहिय सुभद्रा जी, रसिलबा संग सिधारी जी
पिउसी अहाँक कहिय कुन्ती, सेहो छथि पाँच भतारी जी
जेमन बैसला कृष्ण कन्हैया, देथि सखि सभ गारी जी