भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बाईस / प्रमोद कुमार शर्मा
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:06, 3 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रमोद कुमार शर्मा |संग्रह=कारो / ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
के ठा
के करद्यै सबद
दो ओळ्यां रै बिचाळै
अमीं भरद्यै सबद
हूज्यै परगट इंदरधनख दांई
घट नैं करद्यै ऊजळ
पैदा करद्यै रिक्त स्थान नैं
जठै नूंवो सबद ऊगै
-नूंवै मिनख दांई
हूज्यै परगट इंदरधनख दांई।