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पैंसठ / प्रमोद कुमार शर्मा
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पेट मांय भाखा रै
कर दीवी गड़बड़ी परमात्मा
हड़बड़ी मांय न्यारी-न्यारी कर दीवी
कर दीवी दुश्वारी जीवण नैं
पछै भी सबद कुंवारो है
सांवरा ओ कमाल थारो है
अेक घाट पर जुड़ै
सबद है साचा धरमात्मा
कर दीवी गड़बड़ी परमात्मा।