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नब्बै / प्रमोद कुमार शर्मा

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पणिहारी चाली पिणघट
-लेयÓर खाली घड़ो
बडो-सो धरगै ईडाणी ऊपर
सज-धजÓर इण ढाळ सखी
कै थमÓर ऊभो हूग्यो काळ सखी

लटालूम बा पीपळ री जड़
बा कामण री गरबीली कड़
कोयल, मोर अर तोतां रो नाद है
गांव बीं रै होवणै सूं आबाद है

अैड़ी मायड़ भाखा म्हारी
तीन लोक सूं न्यारी
पछै क्यूं जाय'र
-कूवै मांय पड़ो
लेय'र खाली घड़ो।