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अेक सौ अठावन / प्रमोद कुमार शर्मा
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सूरज मांय बड़ र्या है
-चोर
जोर के चालै मां रो
कवि कुरंड बापड़ा
काक भुसंड बापड़ा
भाखा री गळियां मांय
अंड-बंड बापड़ा
टूटगी वांरी
-कलम री कोर
सूरज मांय बडरया है चोर।