भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बाईस / प्रमोद कुमार शर्मा

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:47, 4 जुलाई 2014 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

के ठा
के करद्यै सबद
दो ओळ्यां रै बिचाळै
अमीं भरद्यै सबद
हूज्यै परगट इंदरधनख दांई

घट नैं करद्यै ऊजळ
पैदा करद्यै रिक्त स्थान नैं
जठै नूंवो सबद ऊगै
-नूंवै मिनख दांई
हूज्यै परगट इंदरधनख दांई।