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बावन / प्रमोद कुमार शर्मा
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राधे-गोविंद हरे मुरारे
-कह प्यारे
जे जीवणो है जगत मांय सुख सूं
नित रा उच्चार्या कर सबद अै मुख सूं
नींतर कस्ट अपार
-सह प्यारे
राधे-गोविंद हरे मुरारे
-कह प्यारे।