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गोरी सई सांज की कहां गई / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
गोरी सई सांज की कहां गई कोई कहां लगाई सारी रात
एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये।
राजा बड़े जेठ कै रतजगा कोई वहीं गवाई सारी रात
एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये।
गोरी न तेरी हात्तन मेहंदा रच रहे कोई ना तेरे नैनां नींद
एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये।
राजा महंदा की बिरया सो गई कोई न्यूं ना नैनां नींद
एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये।
गोरी कलेजा तेरा धड़क रह्या कोई पैर रहे थर्राये
एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये।
राजा नाचत कलेजा धड़द्यक रह्या कोई पैर रहे थर्राये
एरी बनजारा नवल बनजारा टांडा गेरिये।