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हक़ की तहक़ीकात / दिविक रमेश
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यही है वह लड़का
आवारा
जाने कैसे हैं माँ-बाप
जना और छोड़ दिया ।
यही है
ख़तरनाक निशान को
छूकर भी
ज़िन्दा है ।
तहक़ीकात हुई,
लोगों ने पाया
कि यह लड़का
’अनपढ़ और गँवार है‘
या यूँ कह लें
’नथिया का बेटा चमार है ।‘
तहक़ीत हुई
लोगों ने पाया
कि इसके ख़ानदान में
जो भी
ख़तरों से खेला
नहीं बचा
यह पहला है ।
तहक़ीकात हुई
लोगों ने पाया
यह वही लड़का है
चौधरी के खेत में
जो जबरन घुसा था ।
यह वही लड़का है
जो गाँव के कुएँ की
जगत पर चढ़ा था ।
यह वही लड़का है
जिसने
हरीराम पण्डत की
लांगड़ खोल
मखौल उड़ाया था
घोषणा हुई
’यह लड़का ख़तरनाक है ।‘
तहक़ीकात
एक और भी हुई
पता चला
कि बहुत से ख़तरनाक निशान
खेत में गड़े डरावों से
महज निशान होते हैं ।