भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भरोसा / सुधीर सक्सेना

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:20, 27 दिसम्बर 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुधीर सक्सेना |संग्रह=काल को भी नहीं पता / सुधीर सक्सेन...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जो तत्त्व

मिन्देल्येफ़ की तालिका में नहीं हैं,

वे भी हैं कहीं न कहीं

इस दुनिया में


एक दिन

उन्हें खोज ही लेगा

कोई न कोई वैज्ञानिक ।


जो सुख

आज नहीं है कहीं भी हमारी ज़िन्दगी में


वह सुख

हम नहीं तो हमारी संततियाँ

तलाश ही लेंगी एक न एक दिन

इसी दुनिया में ।