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अहा ! स्त्री तुम / महाभूत चन्दन राय

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अहा ! स्त्री तुम
इस कलयुगी धरा का इकलौता चमत्कार हो
तुम ईश्वरता का एक शाश्वत प्रमाण हो
हाँ ! आखिरी बचा वरदान हो
तुम्हारी मुस्कराहटों में मेरे घर की बरकत
अहा ! स्त्री तुम
मैने तुम्हे पा लिया अपनी माँ में
कौन कहता है अब वर नहीं मिलते
अहा ! स्त्री तुम
मैने तुम्हारी कोख से मुक्ति पाई है !