Last modified on 15 जुलाई 2008, at 04:26

मेरठ जिले के मेरे भातड़िए/ खड़ी बोली

202.54.61.110 (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 04:26, 15 जुलाई 2008 का अवतरण (202.54.61.110 (वार्ता) के अवतरण 25118 को पूर्ववत किया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

भात का गीत

मेरठ जिले के मेरे भातड़िए ।

बीरा सब-सब भाती आ जइयो

मेरै एक न आइयो भावजिया ।

ओब्बो सब-सब भाती रहै गये

तेरी पीछै से आ गई भावजिया ।

बीरा सब-सब बरतन ले आइयो

बीरा सब-सब गहणे ले आइयो

मेरै एक न लाइयो गुँठड़िया

ओब्बो सब-सब गहणे भूल आया

मेरी जेब मैं आ गई गुँठड़िया ।

बीरा सब-सब कपड़े ले आइयो

मेरै एक न लाइयो धोतरिया ।

ओब्बो सब-सब कपड़े भूल आया

मेरी गठड़ी मैं आ गई धोतरिया ।

बीरा सब-सब बरतन ले आइयो

मेरै एक न लाइयो बाटड़िया ।

>>>>>>>>>>>>>>>>>

1-ओब्बो=बहिन
2-गुँठड़िया= अंगूठी
3-धोतरिया=घटिया किस्म की खद्दर
4-बाटड़िया = बड़ी कटोरी