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संन्यासी तोता / रमेश रंजक
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मेरे घर में तोता है
तोता है भाई तोता है ।
लाल चोंच है पंख हरे
दोनों रंग बहुत गहरे
बीच गले में माला-सी
पहने है यह संन्यासी
केवल राम-राम रटता
ध्यान नहीं इसका बँटता
ऐसा कैसे होता है
मेरे घर में तोता है ।।
पिंजरे में ज्यों प्याली है
वह थोड़ी-सी खाली है
इसका यही कमण्डल है
इसमें थोड़ा-सा जल है
इस पानी को पीता है
पानी पीकर जीता है
अपनी चोंच डुबोता है
मेरे घर में तोता है ।।
जब-जब रोटी खाता है
बहुत-बहुत पछताता है
फल-फूलों का आदी है
यहाँ नहीं आज़ादी है
बन कोटर का अभ्यासी
खा कर पिंजरे की फाँसी
बैठा-बैठा रोता है
मेरे घर में तोता है ।।