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चांद-चांदनी / केदारनाथ अग्रवाल
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विश्व के
- वट-वृक्ष के ऊँचे शिखर पर
- चांद चढ़ कर,
चाव से नीचे निरख कर,
दूध की बाहें पसारे,
माधवी मधुरा धरा को भेंटता है,
और
- यौवन-यामिनी की--
- चांदनी का--
फूल फेनिल चूमता है ।