Last modified on 28 फ़रवरी 2008, at 09:02

गाने के लिए गया / केदारनाथ अग्रवाल

Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:02, 28 फ़रवरी 2008 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पक्षी जो

एक अभी-अभी उड़ा

और एक बोलती लकीर-सा

अभी-अभी

नील व्योम-वक्ष में समा गया

गीत वहाँ

गाने के लिए गया

गाएगा

और लौट आएगा

पक्षी जो

एक अभी-अभी उड़ा ।