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एक खिले फूल ने / केदारनाथ अग्रवाल

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झाड़ी के एक खिले फूल ने

नीली पँखुरियों के

एक खिले फूल ने

आज मुझे काट लिया

ओठ से,

और मैं अचेत रहा

धूप में ।