Last modified on 30 अगस्त 2014, at 12:25

बड़े कवि से मिलना / अच्युतानंद मिश्र

Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:25, 30 अगस्त 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अच्युतानंद मिश्र |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बड़े कवि से मिलना हुआ
वे सफलता की कई सीढियाँ चढ़ चुके थे
हम साथ -साथ उतरे
औपचारिकतावश उन्होंने मेरा हालचाल पूछा
फिर दो कदम बढ़े
और कहा चलता हूँ

हालाँकि हम कुछ दूर साथ साथ चल सकते थे
हम लोग एक ही ट्रेन के अलग डब्बों पर सवार हुए
उस दिन ट्रेन एक नहीं दो रास्तों से गुजरी.