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धोबी गया घाट पर / केदारनाथ अग्रवाल
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धोबी गया घाट पर,
राही गया बाट पर,
मैं न गया घाट और बाट पर;
बैठा रहा टाट पर,
दोनों हाथ काट कर,
जीता रहा ओस चाट-चाट कर ।