भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बेटा / दीनदयाल शर्मा
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:55, 2 सितम्बर 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीनदयाल शर्मा |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पन्ना बनाया)
कसरत कर
मजबूत बनूंगी,
खुद की रक्षा
खुद करूंगी।
बेटा बनकर
करूंगी काम,
तब फैलेगा
जग में नाम।