चाभी / रश्मि रेखा
उसे विरासत में नहीं मिला था
चाभियों का गुच्छा
हर जगह ईजाद करनी थी अपनी एक चाभी
पिछली शताब्दी के कपाट बंद किये बिना ही
जब लोग खोलने में लगे थे
नयी शताब्दी का ताला
उसे ऐसा कई दरवाज़ा नहीं खोलना था
जिसे फिर से बंद नहीं किया जा सके
वह अलीबाबा नहीं था
और न देखा था उसने चालीस चोरों को
कि कह सके खुल जा सिम सिम
मुश्किलें कब आसन होती हैं
आसन नहीं है आसन को आसन कहना
हाशिये पर बैठे को आख़िरकर
आता है काम अपना साहस ही
एक छोटी सी चाभी उड़ा ले जाती है
अंतरिक्ष में यान
एक छोटे सी चाभी खोल देती है
स्मृतियों की तिजोरी
एक दिन यूँही पडी मिल गई
उसे कुछ चाभियाँ
जिनसे खोले जा सकते थे
जादुई ताले करिश्माई रास्तों के
वहाँ पास की चीज़े दूर की नजर आती थी
और दूर की बहुत पास
खिलौनों को नचाने वाली चाभी
दिमागों में भी भरी जा रही थी
एक चुप्पी के ताले में दफ़न किया जा रहा था
इतिहास
सहम कर उसने ताक़ पर रख दी चाभियाँ
ताक शायद होता ही है कुछ रखकर
भूल जाने के लिए