रचनाकार: परवीन शाकिर
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
दाने तक जब पहुँची चिड़िया
जाल में थी
ज़िन्दा रहने की ख़्वाहिश ने मार दिया ।
रचनाकार: परवीन शाकिर
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
दाने तक जब पहुँची चिड़िया
जाल में थी
ज़िन्दा रहने की ख़्वाहिश ने मार दिया ।