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उदयन माटिक श्यामल इजोर / शिव कुमार झा 'टिल्लू'

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अनचोके मे अपनेक मुख सँ
सुनिते छल सभ अर्णव- शोर
टेढ़ तर्जनी घुमा -घुमा क'
उत्छृंखल नेना- नाओंक शोर
अमीरी हाथक सिक्कठि सटक्का
लगिते उठै छल पीठ मरोड़
अनुशासनक देवर्षि गुरुवर
आत्म-हिया सँ लगे छी गोर
श्याम वर्ण काया छल नमछर
दिव्य अर्चिसक पुंज प्रखर
भाल कराल उद्दंड चटिया लेल
कर्मशील लेल शांत तरुवर
जाति धर्म केर लेश कतहु नहि
सभ केँ सोझ आँखि सँ देखी
विद्या-निलय परिसर ककरो नहि
चलैत छल अंटेट्टल शेखी
मातृभाषाक अलख जगेलहुँ
मैथिली अनिवार्य विषय बनि गेल
शाहिद हसन- ठीठर मोची सन
कातक तनय विदेहसुत भेल
सभ पाँतिक भासल पिछरल लेल
निर्धन छात्र कोष फूजल छल
अपनेक कालमे जे नहि गहलक
बुझलहुँ ओकर कपार जड़ल छल
टूटल तेज मात्र नेना लग
बाल सिनेही द्विज प्रबल
रमानाथ -भोलू सन चटिया
शालिग्राम लपकि क' मेखल
प्रतिक्षण माटिक लाज बचेलहुँ
उदयन नाट्य कला संवाहक
बाबा कामदेव -लक्ष्मी संग
मैथिली संस्कृतिक ध्वज प्रतिपालक
भैरों -नाति अनिरुद्ध तनय केर
महिमा कहिते निशा सँ भोर
कत' गेलहुँ हे मनुवत ईश्वर
उदयन माटिक श्यामल इजोर