Last modified on 16 सितम्बर 2014, at 11:25

मैना-मिट्ठू / गिरीश पंकज

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:25, 16 सितम्बर 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गिरीश पंकज |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatBaa...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैना ने आवाज लगाई,
बोलो-बोलो मिट्ठू भाई,
चोंच नुकीनी कैसे आई ।

मिट्ठू बोला सोचकर,
ध्यान धरो मत चोंच पर ।
बस, खाने में है आराम,
चना, मिर्च हो या फिर आम ।।